Today Share Market News In Hindi- चुनावी माहौल के बीच शेयर बाजार का ताजा हाल देखकर आप भी हो रहे होंगे हैरान है क्योंकि हम लगातार सुन रहे हैं कि FPIs यानी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक बिकवाली कर रहे हैं लेकिन बाजार फिर भी झूम रहा है नए-नए हाई बना रहा है अगर पहले की समय की बात करे तो जब FPIs की बिकवाली हावी होने पर शेयर बाजार धड़ाम हो जाया करता था |
अब FPIs दबाकर बिकवाली कर रहे हैं बावजूद इसके शेयर मार्केट अच्छा परफॉर्म कर रहा है इस सवाल का जवाब समझने के लिए हमें कुछ आंकड़ों पर गौर करना होगा SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिए मूच फल स्कीम में आने वाला आपका पैसा ना सिर्फ शेयर बाजार को विदेशी निवेशकों की अनियमित बिकवाली से राहत दे रहा है बल्कि इससे बाजार में म्यूचुअल फंड हाउसेस का दबदबा भी बढ़ ही रहा है |
भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली (Today Share Market News In Hindi)
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की एक रिपोर्ट के मुताबिक मार्च तिमाही में भारत में लिस्टिड कंपनियों में म्यूचुअल फंड्स की होल्डिंग यानी हिस्सेदारी बढ़कर 8.9 फीसदी के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है जबकि NSC पर लिस्टेड कंपनियों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की हिस्सेदारी घटकर 17.9 फीसदी पर रह गई है जो 12 साल का निचला स्तर है |
वही इक्विटी मार्केट ट्रैकर प्राइम डेटा बेस की प्राइम info.com के आंकड़ों के मुताबिक NSC पर सूचीबद्ध कंपनियों में DII यानी डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स की कुल हिस्सेदारी दिसंबर 2023 के अंत में 15.96 फीसदी से बढ़कर 31 मार्च 2024 तक 16.05 फीसदी हो गई थी आंकड़े दर्शा रहे हैं कि FPI और DII के बीच का गैप घट रहा है |
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यह अब तक के सबसे निजल स्तर पर पहुंच गया है घरेलू संस्थागत निवेशक यानी DII में म्यूचुअल फंड के अलावा इंश्योरेंस कंपनियां पेंशन फंड NBFC एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियां आदि आती हैं विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक यानी FPI भारतीय शेयर बाजारों में सबसे बड़े गैर प्रवा तक निवेशक रहे हालांकि शेयर मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि
यह ट्रेंड जल्द बदलने की उम्मीद है म्यूचुअल फंड्स में आने वाला निवेश बढ़ने से घरेलू संस्थागत निवेश यानी DII आने वाली कुछ तिमाहियों में विदेशी निवेशकों को पीछे छोड़ सकते हैं पहले के समय में विदेशी संस्थागत निवेशकों की थोड़ी बहुत बिकवाली से बाजार हिचकोले खाने लगता था बिकवाली तेज होने पर बाजार धड़ाम हो जाता था |
FBI इस की स्ट्रेटेजी ये रहती थी कि वो ऊंचे लेवल पर बेचकर मुनाफा कूट लें और बाजार नीचे जाने पर सस्ते में खरीददारी कर ले लेकिन कोविड महामारी के बाद से यानी जब से रिटेल इन्वेस्टर्स की मार्केट में भागीदारी बढ़ी है चाहे वह म्यूचुअल फंड के जरिए हो या फिर सीधे स्टॉक्स में निवेश हो यह ट्रेंड बदल रहा है
FBI की भारी बिकवाली करने पर उनकी जगह घरेलू संस्थागत निवेशक यानी DII और रिटेल इन्वेस्टर्स दबाकर बाजार
में पैसे लगा रहे हैं जो बाजार को संभलने में मदद करता है मार्च 2024 में सिप के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश 19271 करोड़ रुपए के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया और मार्च 2023 में यही आंकड़ा 14276 करोड़ रुप पर था तो सिप के निवेश से आने वाला यही पैसा बाजार को सपोर्ट दे रहा है।
My name is Akash Yadav, and I am passionate about the world of stock market trading. With over three years of hands-on experience in trading, I have gained a wealth of knowledge and insights into the ever-evolving financial markets.
As a B.Com graduate with a Post Graduate Diploma in Computer Applications (PGDCA), I have combined my educational background with practical trading skills to navigate the complexities of the stock market successfully. My journey in trading has been filled with learning, growth, and numerous experiences that have shaped my understanding of the market dynamics.