नमस्कार आज हम PE Ratio Meaning In Hindi में Price To Earning Ratio जिसे शॉर्ट फॉर्म में P/E RATIO के नाम से जाना जाता है उसके बारे में बात करेंगे P/E RATIO एक बहुत इंपोर्टेंट Valuation Ratio है P/E RATIO से हमें पता चलता है कि अगर कंपनी अपना पूरा प्रॉफिट अपने शेयर होल्डर्स के बीच बांट देती है और आने वाले सालों में सेम पर्फोमंस दिखाती है तो जितने पैसे इस कंपनी में निवेश कर रहे हो उन्हें रिकवर करने के लिए आपको कितने साल लगेंगे|
जैसे की मान लीजिए कि एक abc नाम की कंपनी में आप 1 लाख रुपए इन्वेस्ट कर रहे हो और abc कंपनी का Price To Earning Ratio है पांच तो इसका मतलब है कि अगर abc कंपनी अपना पूरा प्रॉफिट अपने शेयर होल्डर के बीच बांट देती है और आने वाले सालों में भी सेम पर्फोमंस दिखाती है तो अगले 5 साल में आपके 1lakh रुपये का इनवेस्टमेंट रिकवर हो जाएगी |
PE अनुपात क्या है / PE Ratio Kya Hai In Hindi
Price To Earning Ratio का फॉर्मूला है –
P/E = SHARE PRICE ———————————— EPS |
eps meaning in hindi
EPS मतलब अगर कंपनी अपना पूरा प्रॉफिट शो रोलर शेयर होल्डर्स के बीच बांट देती तो शेयर होल्डर्स को एक शेयर के पीछे कितना रुपया मिलता है और EPS का फॉर्मूला है –
EPS = EARNING ———————————————- NO. OF OUTSTANDING SHARES |
Read more : जानिए हिंदी में शेयर बाजार का ज्ञान |Share Market Knowledge In Hindi
सही P/E RATIO को कैसे पहचाने। (PE Ratio Meaning In Hindi)
P/E RATIO अगर कम है तो इसका मतलब है कि आपको स्टॉक अंडरवैल्यूड है यानी सस्ते वैल्यूएशन पर मिल रहा है या इन्वेस्टर्स को कंपनी के फ्यूचर पर्फोमंस पर कुछ खास भरोसा नहीं है इसलिए वह इस स्टॉक में इंटरेस्ट नहीं है | जर्नली लोग समझते हैं कि अगर किसी कंपनी का P/E RATIO कम है तो वह स्टॉक अंडरवैल्यूड है | पर P/E RATIO कम है इसलिए वह स्टॉक अंडरवैल्यूड ही है, ऐसा कुछ नहीं है |
यह निवेशकों की मदद करता है किसी स्टॉक की सही कीमत जानने मे:
उसके पीछे जो P/E RATIO कम होने के पीछे यह कारण भी हो सकता है कि वह स्टॉक खराब परफॉर्म कर रहा है या उसके Future Prospects Investors को सही नहीं लग रहे हैं इसलिए इन्वेस्टर्स उस स्टॉक से दूर रहना पसंद कर रहे हैं है कुछ लोग बस P/E RATIO कम है इसलिए शेयर खरीदते हैं |
वैसे जो कंपनी बंद पढ़ने की कगार पर है बैंकक्रप्ट होने पर आई है उनका P/E RATIO भी कम होता है |तो इसका यह मतलब नहीं है कि वह कंपनी पर सस्ते में मिल रही है तो ले ले |
तो P/E RATIO को अच्छे से समझने के लिए आपको यह पता करना होगा कि P/E RATIO अगर कम है तो वह क्यों है अगर उसका कारण आपको पता चलेगा तो तभी आप उसको अच्छे से यूज कर पाओगे कि स्टॉक का P/E RATIO अगर ज्यादा है तो इसका मतलब है कि या तो वो स्टॉक ओवर वैल्यू है यानी महंगे वैल्यूएशन पर मिल रहा है |
निवेशकों के रुझान को जानने मे मदद करता है:
यह इनवेस्टर्स को कंपनी के फ्यूचर परफॉर्म और फ्यूचर ग्रोथ पर कुछ खास भरोसा है इसलिए वह स्टॉक में बहुत इंट्रस्ट है लोग समझते है कि अगर किसी कंपनी का P/E RATIO ज्यादा है तो वह stock overvalued है पर P/E RATIO है इसलिए वह स्टॉक ओवर वैल्यूड है ऐसा नहीं है उसके P/E RATIO ज्यादा होने के पीछे यह कारण भी हो सकता है कि वह स्टॉक बहुत अच्छा परफॉर्म कर रहा है और इसके फीचर ग्रोथ पर इन्वेस्टर्स को बहुत कॉन्फिडेंस है |
आइये P/E RATIO को एक EXAMPLE से समझते है।
इन्वेस्टर को निवेश के लिए निर्णय लेने मे सहायक है:
Eicher Moters का P/E RATIO 5 साल पहले 65 था और उसके शेयर प्राइस 2700 था, और आज इसके शेयर प्राइस 2800 है और उसका P/E RATIO 34 है तो ज्यादा P/E RATIO है मतलब वो स्टॉक over valued ही है, ऐसा नहीं है उसके फ्यूचर प्रॉस्पेक्ट Strong हो सकते हैं जिसकी वजह से उनका P/E RATIO ज्यादा हो सकता है |
अगर कोई चीज सस्ती मिल रही है इसलिए उसे खरीदना भी सही नहीं है आपको बाकी चीजों को भी देखना होगा अगर आप टीशर्ट खरीदने जाते हो तो आप सस्ती मिल रही है इसलिए उसे नहीं खरीदते हो आप उसकी क्वालिटी कलर मटेरियल यह सब देखते हो, अगर कोई टीशर्ट अगर अच्छा है उसकी क्वालिटी भी अच्छी है और वह आपको को सस्ते में मिल रही है तो वह आपके लिए अच्छी deal होगी |
समान क्षेत्र मे काम कर रही कम्पनीस की तुलना करने मे सहायक है:
इसलिए कभी भी जल्दबाजी में बस एक दो चीजें चेक करके शेयर्स मत खरीद लीजिये, पहले कंपनी का पूरा analysis करो और उसके बाद शेयर खरीदो | क्योंकि FINANCIAL P/E RATIO FUNDAMENTAL ANALYSIS का बस एक छोटा सा हिस्सा है P/E RATIO कम है या ज्यादा यह Check करने का बेस्ट तरीका है की उस इंडस्ट्री की बाकी कंपनियों के साथ उसका P/E RATIO कंपेयर करना|
या फिर आप कंपनी का P/E RATIO उसके Industries P/E RATIO से कम्पेयर पर कर सकते हो, Industries P/E RATIO मतलब उस पूरी इंडस्ट्री का एवरेज P/E RATIO|अलग-अलग इंडस्ट्रीज की कंपनी से पैसे कमाने के अलग-अलग तरीके होते हैं उनका बिजनेस का तरीका भी अलग होता है इसलिए उनके वैल्यूएशन निकालने के तरीके भी अलग अलग होते हैं|
WHAT IS P/E RATIO IN STOCK MARKET
इसलिए डाइरैक्टली P/E RATIO देखने के बजाय आपको उसे उसके इंडस्ट्री के बाकी कंपनियों के साथ कंपेयर करना चाहिए और मेन बात सिर्फ P/E RATIO चेक करके काम नहीं चलेगा|आपको यह पता करना होगा कि P/E RATIO कम है या ज्यादा है तो वह क्यों है क्या कंपनी ने हाल ही में जो अच्छा प्रॉफिट कमाया है|
वह टेंपरेरी हैं यह उसकी परफॉर्मेंस आगे भी बरकरार रहने वाली है मान लो कईं बार क्या होता है कि कंपनी के किसी वन टाइम इनकम की वजह से कंपनी के P/E RATIO में कोई बड़ा बदलाव आ जाता है|आपको P/E RATIO कम या ज्यादा क्यों हुआ इसका कारण पता होना चाहिए P/E RATIO एक बहुत इंपोर्टेंट Valuations RATIO है |
पर कंपनी के वैल्यूएसन को समझने के लिए आप सिर्फ एक वैल्यूएसन पर डिपेंड नहीं रह सकते कंपनी के वैल्यूएसन को समझने के लिए आपको बाकी वैल्यूएसन रिसर्च करने पड़ेंगे |
जैसे कि EV/EBITDHA , PRICE EARNINGS GROWTH , PRICE CASH FLOW RATIO इन पर भी नजर रखनी चाहिए साथ में आप कंपनी का वैल्यूएशन निकालते हो तो और बढ़िया हो जाएगा |
Financial RATIO के सीरीज में हम जल्दी बाकी Valuations RATIOS की भी बात करेंगे | तो अगर आपको स्टॉक मार्केट से रिलेटिड या फिर इससे रिलेटिड कोई सवाल है तो आप हमें मेरे GMAIL ID – stockmarket6a@gmail.com कर सकते हो |और हमसे जुड़े रहने के लिए हमें फेसबुक पर फॉलो कर सकते हो |
My name is Akash Yadav, and I am passionate about the world of stock market trading. With over three years of hands-on experience in trading, I have gained a wealth of knowledge and insights into the ever-evolving financial markets.
As a B.Com graduate with a Post Graduate Diploma in Computer Applications (PGDCA), I have combined my educational background with practical trading skills to navigate the complexities of the stock market successfully. My journey in trading has been filled with learning, growth, and numerous experiences that have shaped my understanding of the market dynamics.