How To Invest International Share Market : अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार में निवेश करना शुरु करना कठिन हो सकता है. लेकिन यह सरल भी हो सकता है सरकारों और गहरे अध्ययन के द्वारा जोखिमों पर ध्यान देना जरूरी है. इसके साथ ही, संभावित कमाई और पूंजी की उलझन को सुलझाना होगा |
अंतरराष्ट्रीय शेयरों में निवेश करते वक्त उतार-चढ़ाव पर भी गौर करना आवश्यक है. ये शेयर कीमत और विदेशी मुद्रा दरों में होने वाले बदलाव को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए |
अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार : International Share Market
वैश्वीकरण और क्रॉस बॉर्डर निवेश ने कंपनियों को अर्थव्यवस्था में निवेश करने की सुविधा दी है। भारतीय निवेशक विदेशी शेयरों में निवेश करके अधिक रिटर्न प्राप्ति का मौका हांसिल कर सकते हैं।
वैश्विक बाजारों की क्या भूमिका है?
वैश्विक बाजारों में निवेश भारतीय निवेशकों को विकास का लाभ पहुंचाता है। यह बहुत से निवेशों से पोर्टफोलियो को विविध बनाने में मदद करता है।
इससे भारतीय बाजार में मंदी समय पर अच्छे रिटर्न प्राप्ति का भी मौका बनता है।
क्रॉस-बॉर्डर निवेश के लाभ
क्रॉस-बॉर्डर निवेश से निवेशकों को विविधता, उच्च रिटर्न, और जोखिम कम करने के लिए फायदे होते हैं।
विदेशी कंपनियों के शेयरों का निवेश अंतरराष्ट्रीय बाजारों से राजस्व मुहैया करवाता है। इससे निवेशकों को विदेशी मार्केट में एक्सपोज़र मिलता है।
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विदेशी शेयर क्या हैं? : What are foreign shares?
विदेशी शेयर कंपनियां भारत से बाहर होती हैं। ये कंपनियां बड़ी गैर-घरेलू कंपनियां होती हैं। इनमें निवेश करके, निवेशक पोर्टफोलियो का जोखिम संतुलित कर सकते हैं। साथ ही, विदेशी बाजार में अच्छी अवसरों का लाभ उठा सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के शेयर
विदेशी शेयरों में निवेश करके, भारतीय निवेशकों को बड़ी कंपनियों में निवेश का मौका मिलता है। ये कंपनियां जैसे कि गूगल, अमेज़न, फेसबुक, टेस्ला, और डॉमिनोज़ शामिल हैं। ये कंपनियों से निवेश से निवेशकों को अधिक रिटर्न मिल सकती हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश से निवेशकों को कंपनियों के बढ़ते हुए कारोबार से और डॉलर ‘मुकाबले रुपका मंहगाई भाव के चलते ज्यादा लाभ हो सकता है।
पोर्टफोलियो विविधीकरण का महत्व
विदेशी शेयरों में निवेश करके, निवेशक अपने पोर्टफोलियो को अधिक विविध बना सकते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, भारतीय निवासियों के लिए प्रति वर्ष 250,000 डॉलर की ऊपरी सीमा है।4 ऐसी निवेश की मदद से निवेशक कम जोखिम और ज्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
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How To Invest International Share Market
अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार में निवेश करना एक बहुत अच्छा विकल्प है। भारतीय फंड हाउस के मध्यम से विदेशी शेयरों में निवेश करना एक उत्कृष्ट माध्यम है। इससे भारतीय निवेशक विदेश में शेयर्स में बिना जोखिम को लेकर निवेश कर सकते हैं।
म्यूचुअल फंड का विकल्प
भारतीय म्यूचुअल फंड हाउस कई ग्लोबल फंड पेश करते हैं। इनमें निवेशक विदेशी शेयरों में निवेश कर सकते हैं। यहाँ से विविधता लाने से जोखिम कम होता है।
फंड ऑफ फंड्स के माध्यम से निवेश
एक और अच्छा विकल्प है फंड ऑफ फंड्स। ये विदेशी फंड प्रबंधित होते हैं और विभिन्न देशों में शेयरों में निवेश करते हैं। इससे विविधता आती है।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में निवेशक खुद विदेश में शेयर खरीद बेचता है। यह विकल्प थोड़ा जोखिम भरा है। नियमों की पालना करनी पड़ती है।
एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स : Exchange-Traded Funds
अंतरराष्ट्रीय शेयर ट्रेडिंग के लिए एक और विकल्प है एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) में निवेश करना। ईटीएफ दिनभर बाजार में खरीद-बेच कर रहे होते हैं।7 यह मुख्यतः म्यूचुअल फंड से अलग है, जो दिन के अंत पर ही व्यापार करते हैं। वे दैनिक तरलता और शुल्क में भी विभिन्न होते हैं।7
ईटीएफ की कीमत अक्सर बाजार की कीमत के नजदीक होती है। इनका एनएवी बेलने के मुक़ाबले 4 बजे ईएसटी पर गिना जाता है, जब बाजार बंद होता है। दोस्तों, अधिक एनएवी उच्च शुल्थ व्यय का कारण बन सकती है।
जब आप ईटीएफ में निवेश करते हैं, तो कमीशन का भुगतान करना पड़ सकता है। यहाँ ये भी देना पड़ता है: कोष प्रबंधन शुल्क, निवेश सलाहकार की फीस, प्रशासनिक लागतें और दलाली कमीशन।
जब निवेशक ईटीएफ में निवेश करता है, उसे निवेश के उद्देश्य, जोखिम, शुल्क व व्यय की चिंता करनी चाहिए।
औपचारिकताएं और नियम : Formalities and Rules
निवेश करते समय, निवेशकों को किए जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना चाहिए। ये नियम काफी उपयोगी होते हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देश
निवेश करने वालों को पीआईएस के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक से अप्प्रोवल लेना पड़ता है। इसके लिए वे कुछ आवश्यक दस्तावेज भी जमा करने होते हैं।
प्रतिभूति और विनियमन नियम
SEBI ने म्यूचुअल फंड के लिए कुछ नियम या दिशानिर्देश जारी किए हैं। इन नियमों में फंड के प्रबंधन, न्यूनतम निवेश और फीस पर प्रतिबंध है।
SEBI हर साल यह भी देखता है कि म्यूचुअल फंड कंपनियां नियमों का पालन कर रही हैं या नहीं। साथ ही, सभी निवेशकों के लिए KYC का होना अनिवार्य है।
पूछे गए सवाल
अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार में निवेश करना कितना मुश्किल है?
अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार में निवेश करना कुछ कठिन लग सकता है. लेकिन, नई तकनीकों और खोजों ने इसे अधिक सुविधाजनक बना दिया है. यह सभी धनाकर्क्षित हो सकता है के फंड हाउस और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म द्वारा।
क्रॉस बॉर्डर निवेश के क्या लाभ हैं?
क्रॉस बॉर्डर निवेश के साथ-साथ वैश्विक होने के कारण कंपनियों के लिए नई अवसर होते हैं. इससे, भारतीय निवेशक विदेशी शेयरों में निवेश करके उनके पोर्टफोलियो को मजबूत और समर्थक बना सकते हैं. साथ ही, यह उन्हें अधिक रिटर्न प्राप्त करने का मौका देता है।
विदेशी शेयर क्या हैं?
विदेशी शेयर वे होते हैं जो भारत से बाहर के कंपनियों से जुड़े होते हैं. ये इतने ही महत्वपूर्ण हो सकते हैं, जितना की भारतीय कंपनियां. कंपनियों में निवेश करने से, निवेशक निवेश के प्रोफाइल में वैरिएटी ला सकते हैं और विदेश बाजारों से इनकम कर सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार में निवेश करते समय कौन सी औपचारिकताएं और नियम पालन करने होते हैं?
अंतरराष्ट्रीय वित्त बाजार की सुलभताओं को देखते हुए, निवेशकों को कुछ औपचारिकताएं और नियम ध्यान में रखने होते हैं. इनमें से कुछ हैं भारतीय रिज़र्व बैंक की गाइडलाइंस और सामंजस्य एवं कानून के पालन।
My name is Akash Yadav, and I am passionate about the world of stock market trading. With over three years of hands-on experience in trading, I have gained a wealth of knowledge and insights into the ever-evolving financial markets.
As a B.Com graduate with a Post Graduate Diploma in Computer Applications (PGDCA), I have combined my educational background with practical trading skills to navigate the complexities of the stock market successfully. My journey in trading has been filled with learning, growth, and numerous experiences that have shaped my understanding of the market dynamics.